आत्मज्ञान की ज्योति से अंतर्मन के अंधकार को मिटाना है दीपावली का संदेश :- स्वामी हरीशानंद
आत्मज्ञान की ज्योति से अंतर्मन के अंधकार को मिटाना है दीपावली का संदेश :- स्वामी हरीशानंद
( नूरपुर : विनय महाजन )
नूरपुर रोड स्थित काली माता मंदिर के पीछे दीपावली के पावन अवसर पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से एक सत्संग, प्रवचन एवं भजन संकीर्तन कार्यक्रम का आयोजन आज किया गया। इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक एवं संचालक सर्वश्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी हरीशानंद जी ने भक्तों को दिव्य ज्ञान एवं प्रभु श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश दिया। इस कार्यक्रम की शुरुआत भक्ति संगीत और मंगलाचरण से हुई। भजन संकीर्तन में महात्मा मनप्रीत जी ने “दीप जलाओ प्रेम के, मन मंदिर में उजाला हो” जैसे भक्तिमय गीत गूंजे, तो पूरा वातावरण भक्ति रस में सरोबार हो उठा।प्रवचन के दौरान स्वामी हरीशानंद जी ने कहा कि दीपावली केवल बाहरी दीपों का पर्व नहीं है, बल्कि यह हमारे अंतरमन में छिपे अंधकार को मिटाने और प्रकाश रूपी सत्य एवं ज्ञान को प्रकट करने का पर्व है। उन्होंने कहा कि जब मनुष्य अपने भीतर के अहंकार, ईर्ष्या, लोभ और क्रोध जैसे अंधकार को समाप्त कर देता है, तभी वास्तविक दीपावली मनाई जाती हैl उन्होंने प्रभु श्रीराम के जीवन से अनेक प्रेरक प्रसंग साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार श्रीराम ने जीवन के प्रत्येक क्षण में धर्म, मर्यादा और करुणा का पालन किया। उन्होंने कहा कि श्रीराम का जीवन हमें यह सिखाता है कि संकट कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर मन में सत्य और ईश्वर के प्रति निष्ठा हो, तो विजय निश्चित होती है।स्वामी जी ने बताया कि आज के युग में दीपावली का वास्तविक अर्थ है — “मन के अंधकार को मिटाकर ज्ञान का दीप प्रज्वलित करना।”
उन्होंने सभी भक्तों से आग्रह किया कि वे केवल घरों में ही नहीं, बल्कि अपने हृदय मंदिर में भी प्रेम, करुणा और ईश्वर भक्ति के दीप जलाएँl इस अवसर पर सैकड़ों भक्तगणों ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को सफल बनाया। सभी ने ज्ञान की महिमा को समझा और जीवन में आध्यात्मिकता को अपनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित भक्तों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ दी गईं।स्वामी हरीश आनंद जी ने अपने आशीर्वचन में कहा — “दीपावली का दीपक तभी सार्थक है जब वह हमारे भीतर के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करे और हमें प्रभु की ज्योति से जोड़ दे।कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण के साथ हुआ।
कोई टिप्पणी नहीं