सुख की सरकार के निकम्मेपन से हर साल बिना खर्चे वापस केंद्र को जा रहे करोड़ों रुपये : जयराम ठाकुर - Smachar

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सुख की सरकार के निकम्मेपन से हर साल बिना खर्चे वापस केंद्र को जा रहे करोड़ों रुपये : जयराम ठाकुर

 सुख की सरकार के निकम्मेपन से हर साल बिना खर्चे वापस केंद्र को जा रहे करोड़ों रुपये : जयराम ठाकुर

 मंडी में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष बोले, प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल पर 500 करोड़ की धनराशि इस्तेमाल नहीं कर पाई राज्य सरकार


केंद्र सरकार से पैसे देने की कमी नहीं राज्य सरकार की नीयत और विजन में है खोट

प्रदेश सरकार को असुविधा न हो इसलिए एडवांस में दिए 843 करोड रुपए

कार्य समिति के गठन पर सभी को नवीन दायित्व के लिए दी शुभकामनाएं 

 मंडी 

 मंडी से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार सदन से लेकर सड़क तक हर दिन पानी पी पीकर केंद्र सरकार एवं प्रधानमंत्री को कोसती रहती है। हिमाचल को पैसे न देने का आरोप लगाती है जबकि हर साल हजारों करोड़ रुपया इस्तेमाल न कर पाने के कारण केंद्र सरकार को वापस भेजती है। केंद्र द्वारा दिया गया पैसा सरकार की नियत में खोट और विजन में कमी के कारण इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश को जनहित की योजनाओं के लिए पैसा देता है लेकिन सुक्खू सरकार शायद उससे अपनी जेबें भरना चाहती है। इसलिए वह पैसा बिना इस्तेमाल हुए ही केंद्र सरकार को वापस भेज दिया जाता है। व्यवस्था परिवर्तन का नारा देने वाले लोगों के लिए यह शर्म की बात है। 


जयराम ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा दिया गया पैसा सुक्खू सरकार खर्च नहीं कर पा रही है इसलिए वापस कर रही है। इस सरकार का फोकस विकास की बजाय केंद्र सरकार पर आरोप लगाना है। पैसे ना देने का रोना रोते रहना है। इस बार जब हिमाचल प्रदेश के दौरे पर आदरणीय केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष हिमाचल आए तो 123 करोड़ रुपए मातृ शिशु सुरक्षा योजना के लिए दिया। साथ ही नड्डा जी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि केंद्र द्वारा प्रदेशवासियों के भले के लिए भेजा गया पैसा भी खर्च किया करें। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए 954 करोड़ रुपए की धनराशि हिमाचल सरकार को दी गई थी लेकिन दुर्भाग्य से सुक्खू सरकार ये धन राशि आधी भी नहीं खर्च पाई।


वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को 1050 करोड़ रुपए से अधिक की स्वीकृति दी गई है, अब तक की सरकार की कारगुजारी से यह स्पष्ट है कि इस बार का बजट भी सरकार खर्च नहीं कर पाएगी। देश का स्वास्थ्य मंत्री जाकर हिमाचल में कह रहा है कि केंद्र द्वारा दिया गया पैसा हिमाचल के हित में लगाइए लेकिन सुक्खू सरकार नहीं लगा पा रही है। इस निकम्मेपन के लिए जिम्मेदार कौन है? यह प्रदेश के बदहाल होते स्वास्थ्य विभाग की ही बात नहीं है यह प्रदेश के हर विभाग की स्थित है। जिसे सुधारना होगा सरकार अपना फोकस केंद्र सरकार और भाजपा को गाली देने के बजाय विकास पर करे।



हिमाचल सरकार को राहत देने के लिए ही 843 करोड रुपए केंद्र ने एडवांस दिए


जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने त्योहारों का सीजन देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार समेत सभी राज्यों को राहत प्रदान करने के लिए ही स्टेट टैक्स शेयर के एडवांस के तहत हिमाचल प्रदेश को 843 करोड़ रुपए दिए हैं। जिससे सरकार लोगों को समय से वेतन आदि देने का प्रबंध कर सके। फीफा की तरह आगे भी केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल सरकार की मदद की जाती रहेगी। क्या जो भी हिमाचल प्रदेश में हो रहा है सब कुछ केंद्र के सहयोग से ही हो रहा है।  



 कार्य समिति के गठन पर सभी को नवीन दायित्व दी शुभकामनाएं


जयराम ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश के सभी स्थाई आमंत्रित सदस्यों एवं कार्य समिति के सदस्यों को नवीन दायित्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आप सभी वरिष्ठ सहयोगियों के आशीर्वाद और मार्गदर्शन तथा युवा साथियों के उत्साह, कार्य कुशलता एवं समर्पण से भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश में नई ऊंचाइयों को हासिल करेगी। 



चिप से लेकर शिवशिप बनाने मैं आत्मनिर्भरता हासिल कर रहा है भारत

सराज विधानसभा क्षेत्र के थुनाग में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि आत्मनिर्भरता के बिना हमारी आजादी अधूरी है। बिना आत्मनिर्भरता के विकसित भारत का संकल्प भी आसान नहीं होगा। इसीलिए 12 मई 2020 को प्रधानमंत्री जी ने 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की शुरुआत की थी। आत्मनिर्भर भारत के अभियान के परिणाम आज देश के सामने हैं। हम छोटे-छोटे हथियार ही नहीं उन्नत किस्म के पांचवी पीढ़ी के फाइटर प्लेन भी बना रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर में हमारी काबिलियत और क्षमता का लोहा पूरी दुनिया ने देखा। शत प्रतिशत सफलता के पीछे रक्षा के क्षेत्र में हमारी आत्मनिर्भरता ही थी।धरती से लेकर आसमान तक समुद्र की अतल गहराइयों से लेकर अंतरिक्ष तक भारत और भारतीयता का डंका बज रहा है। चिप से लेकर शिप तक, मिसाइल से लेकर चंद्रयान और गगनयान भारत में बन रहे हैं और दुनिया में अपनी धाक जमा रहे हैं। हमारे आत्मनिर्भरता का लक्ष्य तभी आसानी से हासिल होगा जब हम स्वदेशी, मेड इन इंडिया उत्पादों को गर्व से अपनाएंगे। आज भारत में बने उत्पादों की गुणवत्ता वैश्विक मानकों के ऊपर है।  

आत्मनिर्भर भारत की मुहिम में जिस तरीके से हर भारतीय का सहयोग मिल रहा है उसे यह साफ है कि विकसित भारत का लक्ष्य हम निर्धारित समय के पहले हासिल कर लेंगे।

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