शहीद की बहन की शादी में सेना और पूर्व सैनिकों ने निभाई 'भाई' की ज़िम्मेदारी, सोशल मीडिया पर छा गई भावुक विदाई - Smachar

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शहीद की बहन की शादी में सेना और पूर्व सैनिकों ने निभाई 'भाई' की ज़िम्मेदारी, सोशल मीडिया पर छा गई भावुक विदाई

शहीद की बहन की शादी में सेना और पूर्व सैनिकों ने निभाई 'भाई' की ज़िम्मेदारी, सोशल मीडिया पर छा गई भावुक विदाई

हिमाचल प्रदेश के ज़िला सिरमौर में एक ऐसा विवाह समारोह हुआ, जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं और भारतीय सेना के पारिवारिक बंधन की मिसाल पेश की। शहीद आशीष कुमार की बहन आराधना (पूजा) की शादी में, उनके दिवंगत भाई के साथी जवान और पूर्व सैनिकों ने मिलकर एक भाई का फ़र्ज़ निभाया और दुल्हन को सबसे यादगार विदाई दी। यह मार्मिक घटना अब सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रही है और हर कोई जवानों के जज़्बे की तारीफ़ कर रहा है।

भाई की कमी को पूरा किया फ़ौजियों ने

आराधना, आंजभोज के भरली गांव की रहने वाली हैं, जिनके भाई आशीष कुमार ने 27 अगस्त, 2024 को अरुणाचल प्रदेश में 'ऑप्रेशन अलर्ट' के दौरान 19 ग्रेनेडियर बटालियन के तहत देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था। शादी के मौके पर जब परिवार को शहीद भाई की कमी सबसे ज़्यादा महसूस हो रही थी, तब रेजिमैंट के सेवारत सैनिक और पांवटा-शिलाई के भूतपूर्व सैनिक संगठन के सदस्य समारोह में पहुँचे।

इन 'फौजी भाइयों' ने विवाह की रस्मों में भाई के सभी कर्तव्य निभाए। उन्होंने दुल्हन को मंडप तक पहुँचाया और शादी संपन्न होने के बाद उसे ससुराल तक छोड़कर विदाई की रस्म पूरी की। इस दौरान, सैनिकों ने परिवार को यह गहरा एहसास कराया कि सेना का रिश्ता ड्यूटी तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह एक अटूट बंधन है।

सम्मान और स्नेह की भेंट

इस भावुक अवसर पर, शहीद के साथियों ने दुल्हन को बैंक में जमा (एफडी) के रूप में शगुन भेंट किया, जबकि भूतपूर्व सैनिक संगठन ने भी शगुन और स्मृति चिन्ह प्रदान कर परिवार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। नम आंखों से दुल्हन आराधना ने यह सम्मान और स्नेह स्वीकार किया और सभी का आशीर्वाद लिया।

इस समारोह में ग्रेनेडियर रेजिमैंट से हवलदार राकेश कुमार, नायक रामपाल सिंह, नायक मनीष कुमार, ग्रेनेडियर अभिषेक, ग्रेनेडियर आयुष कुमार, मेजर अनुप तोमर और पैराट्रूपर नदिश कुमार सहित अन्य सैनिक मौजूद रहे। वहीं, भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब-शिलाई से अध्यक्ष सूबेदार मेजर करनैल सिंह और उपाध्यक्ष हरिंदर सिंह समेत कई अन्य पूर्व सैनिक भी उपस्थित रहे।

यह घटना न सिर्फ़ शहीद के परिवार को सांत्वना देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि देश की रक्षा में लगे जवान और पूर्व सैनिक एक-दूसरे के लिए विस्तारित परिवार से कम नहीं हैं।

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