सीपीएम का सेरी चांदनी में धरना-प्रदर्शन, ‘वीबी–जी राम जी, 2025’ बिल को वापस लेने की मांग
सीपीएम का सेरी चांदनी में धरना-प्रदर्शन, ‘वीबी–जी राम जी, 2025’ बिल को वापस लेने की मांग
मंडी/अजय सूर्या : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) जिला कमेटी मंडी ने सेरी चांदनी में धरना-प्रदर्शन कर केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित किए गए ‘विकसित भारत–रोज़गार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण): वीबी–जी राम जी, 2025’ बिल का कड़ा विरोध दर्ज कराया। पार्टी नेताओं का आरोप है कि यह कानून मनरेगा जैसे जन-कल्याणकारी अधिकार आधारित रोजगार कानून को कमजोर कर ग्रामीण मजदूरों के हितों पर हमला करता है।
पार्टी नेताओं ने कहा कि यह बिल रोजगार के अधिकार को एक साधारण सरकारी योजना में बदल देता है, जिससे राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा। पहले ही बजट में कटौती, मजदूरी में देरी और प्रशासनिक अड़चनों से जूझ रहे मनरेगा पर यह कानून सबसे बड़ा वार साबित होगा। उन्होंने कहा कि कानून में केंद्र की 60% और राज्यों की 40% हिस्सेदारी का प्रावधान व्यावहारिक नहीं है, जबकि पिछले वर्षों में मनरेगा औसतन 45 दिन रोजगार देने में ही सक्षम रहा है। ऐसे में 125 दिन रोजगार देने का दावा भ्रामक है और आने वाले समय में 45 दिन का रोजगार भी खतरे में पड़ सकता है, जिससे करोड़ों ग्रामीण मजदूर, विशेषकर महिलाएं, प्रभावित होंगी।
सीपीएम नेताओं ने इसे मजदूर-विरोधी तथा कॉरपोरेट हितों को बढ़ावा देने वाला कानून करार देते हुए कहा कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कमजोर करेगा और बेरोजगारी बढ़ाएगा। पार्टी ने कानून को जल्द वापस लेने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि सरकार ने कानून नहीं हटाया तो जनता के सहयोग से बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
इस दौरान पार्टी जिला सचिवमंडल सदस्य सुरेश सरवाल, राजेश शर्मा, वीना वैद्य, रमेश गुलरिया, सुनीता, गोपेंद्र, रामजी दास, हेमराज वालिया, रीना, दीपक सहित कई कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।


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