मंडी फोर लेन परियोजना (परौर–पधर व राजोल–ठानपुरी खंड) को शीघ्र पूर्ण करवाने की मांग - Smachar

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मंडी फोर लेन परियोजना (परौर–पधर व राजोल–ठानपुरी खंड) को शीघ्र पूर्ण करवाने की मांग

 मंडी फोर लेन परियोजना (परौर–पधर व राजोल–ठानपुरी खंड) को शीघ्र पूर्ण करवाने की मांग


राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी ने संसद में उठाया मुद्दा

पठानकोट–मंडी फोर लेन परियोजना में (परौर से पधर और राजोल से ठानपुरी) को शीघ्र पूर्ण करवाने की मांग राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी ने संसद में उठाया मुद्दा

हिमाचल प्रदेश के जिला काँगड़ा एवं मंडी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पठानकोट–मंडी फोर लेन राजमार्ग के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करवाने की मांग संसद में प्रमुखता से उठाई गई। सांसद ने राज्यसभा में मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह परियोजना न केवल कांगड़ा और मंडी जिले के विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि पर्यटन, व्यापार, परिवहन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने बताया कि इस फोर लेन के पूर्ण हो जाने पर पठानकोट से मंडी की दूरी 219 किलोमीटर से घटकर लगभग 171 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे यात्रियों एवं परिवहन क्षेत्र को बड़ा लाभ मिलेगा। परियोजना का अधिकांश भाग पूर्ण हो चुका है, किंतु पालमपुर से पधर तक लगभग 60 किलोमीटर मार्ग का चौड़ीकरण और राजोल से ठानपुरी बीते लंबे समय से लंबित है।

सांसद ने बताया की यह खंड आठ विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरता है। यह पूरा क्षेत्र पर्यटन की अपार संभावनाओं से परिपूर्ण है और धर्मशाला, पालमपुर, बीड़-बिलिंग, राजगुंधा, और बरोट जैसे पर्यटन स्थल देश-विदेश के यात्रियों की पहली पसंद बने हुए हैं। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस मार्ग से प्रतिवर्ष छह लाख से अधिक पर्यटक यात्रा करते हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके अतिरिक्त जम्मू व पठानकोट से लेह लद्दाख के लिए फौज की आवाजाही का सबसे सुरक्षित मार्ग भी यही है।

सांसद ने माननीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि इस फोरलेन के लंबित भाग का कार्य शीघ्र प्रारंभ करवाया जाए, ताकि लाखों स्थानीय निवासियों, उद्यमियों और पर्यटकों को राहत मिल सके।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूर्ण होने से न केवल यात्रा समय घटेगा, बल्कि इस मार्ग के पूर्ण हो जाने से मनाली और शिमला जाने वाले यात्रियों के लिए भी सुगम विकल्प प्रदान करेगा, जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर दबाव भी कम होगा।

          


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