पतलीकूहल में डिजिटल व साईबर हिंसा पर कार्यशाला - Smachar

Header Ads

Breaking News

पतलीकूहल में डिजिटल व साईबर हिंसा पर कार्यशाला

 पतलीकूहल में डिजिटल व साईबर हिंसा पर कार्यशाला

वसुधा विकास संस्थान व देवभूमि जन विकास संगठन ने कार्यक्रम का किया आयोजन, पुलिस विभाग के अधिकारियों ने महिलाओं को साईबर हिंसा से बचने के कानून समझाए


मनाली : ओम बौद्ध /

जिला कुल्लू के पतलीकूहल में बुधवार को महिलाओं को डिजिटल हिंसा और उत्पीड़न के बारे में जानकारी बांटी गई। महिलाओं के साथ होने वाली लिंग आधारित हिंसा, भेदभाव व उत्पीड़न के खिलाफ 16 दिनों के ग्लोबल अभियान के तहत अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस का आयोजन बुधवार को किया गया। सामाजिक संस्था वसुधा विकास संस्थान व देवभूमि जन विकास संगठन कुल्लू द्वारा पतलीकूहल में समुदाय आधारित सतत विकास पहल परियोजना के तहत उक्त विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक संगठनों व समूहों के 40 प्रतिनिधियों व सदस्यों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान पतलीकूहल के थाना की टीम ने विशेष तौर पर हिस्सा लिया। पतलीकूहल थाना के एसआई इंदर सिंह, एएसआई गीता नंद, एचएएसआई जनेश कुमार, एलएचएचसी सोमलता ने महिलाओं व प्रतिनिधियों को डिजिटल व साईबर हिंसा के विभिन्न प्रकार और इसके लिए बने कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने इस मौके पर बताया कि साईबर हिंसा आजकल बहुत बड़ा संकट बना हुआ है और लोगों को इससे बचना चाहिए। उन्होने डिजिटल हिंसा के रूप जैसे ऑनलाइन गाली-गलौज और उत्पीड़न, साइबर स्टॉकिंग, बिना अनुमति निजी या अंतरंग तस्वीरें/वीडियो साझा करना, डीपफेक यौन सामग्री बनाना, ऑनलाइन धमकी या ब्लैकमेल, निजी जानकारी सार्वजनिक करना, सोशल मीडिया पर महिला-विरोधी भाषण, चैट या कॉल के ज़रिए डराना-धमकाना, साथी द्वारा फोन या सोशल मीडिया की निगरानी और डिजिटल कंट्रोल, लोकेशन ट्रैकिंग, गुप्त कैमरों से निगरानी आदि के बारे में बताया। उन्होने साईबर हिंसा व उत्पीड़न से बचने के लिए मोबाइल का सही उपयोग करने की सलाह दी। इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ होने वाली अन्य प्रकार की हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने के लिए बने कानूनों और हेल्पलाइन नंबरों के बारे में उन्होने जानकारी दी। वसुधा विकास संस्थान के कार्यक्रम सहायक हीरा लाल ठाकुर ने इस मौके पर महिलाओं को इस अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होने बताया कि दुनिया भर में 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक उक्त अभियान इस बार भी चलाया गया और इस साल की थीम महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ डिजिटल हिंसा को समाप्त करने के लिए एकजुट होना है। उन्होने बताया कि आजकल महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा केवल घर, समाज या कार्यस्थल में ही नहीं, बल्कि डिजिटल दुनिया और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर भी तेजी से बढ़ रही है जिसके लिए सरकार, समुदाय, टेक कंपनियों, संस्थानों और नागरिकों को एकजुट होकर डिजिटल स्पेस को सुरक्षित बनाना आवश्यक है क्योंकि यह महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा और रोज़गार को प्रभावित करती है और इससे कमजोर और हाशिए पर खड़ी महिलाएं, युवा लड़कियां, दिव्यांग महिलाएं सबसे अधिक जोखिम में हैं। उन्होने बताया कि डिजिटल सुरक्षा एक मानव अधिकार है। इस मौके पर देवभूमि जन विकास संगठन की पदाधिकारी सुनीता देवी, पूनम कुमारी, वीवीएस सीएसएम सोनिया ठाकुर, बोधराज, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

कोई टिप्पणी नहीं