प्रवासी मजदूर को पुलिस स्टेशन में अपनी पहचान और सत्यापन कराना आवश्यक : जिला दंडाधिकारी - Smachar

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प्रवासी मजदूर को पुलिस स्टेशन में अपनी पहचान और सत्यापन कराना आवश्यक : जिला दंडाधिकारी

प्रवासी मजदूर को पुलिस स्टेशन में अपनी पहचान और सत्यापन कराना आवश्यक : जिला दंडाधिकारी

उल्लंघन करने वाले प्रवासी मजदूरों व उनके नियोक्ता पर की जाएगी दंडात्मक कार्रवाई



शिमला : जिला दंडाधिकारी शिमला अनुपम कश्यप ने आज यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के मद्देनजर आपातकालीन उपाय के रूप में आदेश पारित किए हैं जिसके तहत कोई भी नियोक्ता, ठेकेदार व व्यापारी जिला शिमला में आने वाले किसी भी प्रवासी मजदूर को छोटी-मोटी गैर-औपचारिक नौकरी या सेवा या अनुबंध श्रम में नहीं लगाएंगे, जब तक ऐसे प्रवासी मजदूर संबंधित स्टेशन हाउस ऑफिसर के पास जाकर पासपोर्ट आकार की फोटो के साथ अपना विवरण प्रस्तुत नहीं करते हैं। आदेशों के अनुसार शिमला जिला का दौरा करने वाला कोई भी व्यक्ति संबंधित थाना प्रभारी को इस आशय की जानकारी दिए बिना किसी भी प्रकार के स्व-रोजगार, गैर-औपचारिक व्यापार, सेवाओं में अथवा रोजगार की तलाश में संलिप्त नहीं होगा। उल्लंघन करने वाले ऐसे प्रवासी मजदूरों और उनके नियोक्ता पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होकर आगामी दो महीने की अवधि के लिए प्रभावी रहेंगे।

शिमला शहर के 10 चिन्हित स्थलों पर सार्वजनिक बैठक, धरना प्रदर्शन करने पर रोक



जिला दंडाधिकारी शिमला अनुपम कश्यप ने आज यहाँ पंजाब राज्य सुरक्षा अधिनियम, 1953 की धारा 6 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किए हैं जिसके तहत सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए शिमला शहर के छोटा शिमला से रिज व कैनेडी हाउस तक, रेंडेजवॉयस रेस्तरां से रिवोली सिनेमा तक 150 मीटर दूरी तक, स्कैंडल पॉइंट से काली बाड़ी मंदिर तक, छोटा शिमला गुरुद्वारा से लिंक रोड छोटा शिमला कसुम्पटी रोड, छोटा शिमला चैक से राजभवन से ओक ओवर तक, छोटा शिमला गुरुद्वारा से सट्टी सीढ़ियाँ और पैदल रास्ता जो कसुम्पटी सड़क की ओर, कार्ट रोड से मजीठा हाउस लिंक रोड तक, ए.जी. कार्यालय से कार्ट रोड, सी.पी.डब्ल्यू.डी. कार्यालय से चैड़ा मैदान, उपायुक्त कार्यालय के ऊपर पुलिस गुमटी से लोअर बाजार की ओर 50 मीटर की दूरी तक सभी स्थलों पर सार्वजनिक बैठक आयोजित करने, जुलूस व रैलियां निकालने, प्रदर्शन करने, नारे लगाने, बैंड बजाने और अपराध की मंशा से हथियार के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं को ले जाने पर पूर्ण रूप से रोक लगाई गई है।
यह आदेश अपने कर्तव्यों का पालन करते समय पुलिस, अर्धसैनिक व सैन्य कर्मियों पर लागू नहीं होगा। सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की तात्कालिकता और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह आदेश तत्काल प्रभाव से पारित किया गया है जो आगामी दो महीने की अवधि के लिए प्रभावी रहेगा।
आदेशानुसार उपरोक्त सभी प्रतिबंधित स्थलों पर कार्यक्रमों की अनुमति सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त करनी होगी। आदेशों का उल्लंघन नियमानुसार दंडनीय होगा।

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