शिक्षा और अभिनय का संगम : प्राचार्य प्रो. अरुण चंद्र टीवी धारावाहिक “देवांचल की प्रेम कथा” में निभा रहे अहम भूमिका - Smachar

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शिक्षा और अभिनय का संगम : प्राचार्य प्रो. अरुण चंद्र टीवी धारावाहिक “देवांचल की प्रेम कथा” में निभा रहे अहम भूमिका

 शिक्षा और अभिनय का संगम : प्राचार्य प्रो. अरुण चंद्र टीवी धारावाहिक “देवांचल की प्रेम कथा” में निभा रहे अहम भूमिका


जयसिंहपुर (कांगड़ा) 

कंवर दुर्गा चंद राजकीय महाविद्यालय, जयसिंहपुर के प्राचार्य प्रो. अरुण चंद्र न केवल शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं, बल्कि अब अभिनय की दुनिया में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। वे इस समय दूरदर्शन पर प्रसारित हो रहे चर्चित धारावाहिक “देवांचल की प्रेम कथा” में एक सशक्त और प्रेरणादायी किरदार निभा रहे हैं।


प्रसारण का समय


यह धारावाहिक सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे दूरदर्शन पर प्रसारित होता है।


अगले दिन दोपहर 11:30 बजे इसका पुनः प्रसारण किया जाता है।


विशेष रूप से, प्रो. अरुण चंद्र का अभिनय दर्शक 27 अगस्त रात 9 बजे और 28 अगस्त सुबह 11:30 बजे पुनः देख सकेंगे।



हिमाचल की झलक दिखाता धारावाहिक


इस धारावाहिक की अधिकांश शूटिंग पालमपुर (कांगड़ा) और अन्य हिमाचली स्थलों पर की गई है। कहानी के साथ-साथ हिमाचल की संस्कृति, लोकाचार और प्राकृतिक सौंदर्य को भी इसमें बड़े सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह हिमाचल प्रदेश की “देवभूमि” की पहचान और परंपरा को पूरे देश के सामने पेश कर रहा है।


क्या है भूमिका?


धारावाहिक में प्रो. अरुण चंद्र एक न्यायप्रिय और प्रेरणादायी स्कूल प्राचार्य की भूमिका निभा रहे हैं। उनका किरदार विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान करता है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सक्रिय रहता है। यह चरित्र उनके वास्तविक व्यक्तित्व और मूल्यों से पूरी तरह मेल खाता है।


प्राचार्य का कहना


प्रो. अरुण चंद्र ने कहा –

"कक्षा और कैमरे के बीच का फर्क केवल मंच का है। दोनों जगह उद्देश्य एक ही है – संदेश पहुंचाना और दिलों को छूना।"


कॉलेज परिवार और क्षेत्रवासियों में खुशी


कॉलेज के प्राध्यापक वर्ग और विद्यार्थियों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह पूरे संस्थान, पालमपुर-जयसिंहपुर क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि उनके प्राचार्य शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक और मनोरंजन जगत में भी योगदान दे रहे हैं।


गौरव की उपलब्धि


प्रो. अरुण चंद्र का यह कदम युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। इससे यह संदेश जाता है कि किसी भी उम्र और जिम्मेदारी के साथ व्यक्ति अपनी रुचियों और प्रतिभा को आगे बढ़ा सकता है।

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